hari hari hari sumirana karau
0
0
Change Bhasha
हरि हरि हरि सुमिरन करौ। हरि चरनारबिंद उर धरौं॥
हरि की कथा होइ जब जहां। गंगाहू चलि आवै तहां॥
जमुना सिन्धु सरस्वति आवै। गोदावरी विलंब न लाबै॥
सर्व तीर्थ को बासा तहां। सूर, हरि-कथा होवे जहां॥
Change Bhasha
हरि हरि हरि सुमिरन करौ। हरि चरनारबिंद उर धरौं॥
हरि की कथा होइ जब जहां। गंगाहू चलि आवै तहां॥
जमुना सिन्धु सरस्वति आवै। गोदावरी विलंब न लाबै॥
सर्व तीर्थ को बासा तहां। सूर, हरि-कथा होवे जहां॥
Built in Kashi for the World
ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः
Loading...