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दुष्यंत कुमार
दुष्यंत कुमार
कविता संग्रह
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Browse from 129 Kavita / Poems
गीत का जन्म (Poem 2021)
दुष्यंत कुमार
तुमने इस तालाब में रोहू पकड़ने के लिए (Poem 2021)
दुष्यंत कुमार
इस नदी की धार में ठंडी हवा आती तो है (2021)
दुष्यंत कुमार
धूप ये अठखेलियाँ हर रोज़ करती है (Poem 2021)
दुष्यंत कुमार
टेपा सम्मेलन के लिए ग़ज़ल (Poem 2021)
दुष्यंत कुमार
अपाहिज व्यथा (Poem 2021)
दुष्यंत कुमार
एक कबूतर चिठ्ठी ले कर पहली—पहली बार उड़ा (Poem 2021)
दुष्यंत कुमार
आज वीरान अपना घर देखा (Poem 2021)
दुष्यंत कुमार
कौन यहाँ आया था (Poem 2021)
दुष्यंत कुमार
होने लगी है जिस्म में जुंबिश तो देखिये (Poem 2021)
दुष्यंत कुमार
तूने ये हरसिंगार हिलाकर बुरा किया (Poem 2021)
दुष्यंत कुमार
लफ़्ज़ एहसास-से छाने लगे, ये तो हद है (Poem 2021)
दुष्यंत कुमार
अब किसी को भी नज़र आती नहीं कोई दरार (Poem 2021)
दुष्यंत कुमार
मैं जिसे ओढ़ता-बिछाता हूँ (Poem 2021)
दुष्यंत कुमार
अगर ख़ुदा न करे सच ये ख़्वाब हो जाए (Poem 2021)
दुष्यंत कुमार
ये धुएँ का एक घेरा कि मैं जिसमें रह रहा हूँ (Poem 2021)
दुष्यंत कुमार
वो निगाहें सलीब है (Poem 2021)
दुष्यंत कुमार
अब तो पथ यही है| (Poem 2021)
दुष्यंत कुमार
रोज़ जब रात को बारह का गजर होता है (Poem 2021)
दुष्यंत कुमार
ये जो शहतीर है पलकों पे उठा लो यारो (Poem 2021)
दुष्यंत कुमार
तुम्हारे पाँव के नीचे कोई ज़मीन नहीं (Poem 2021)
दुष्यंत कुमार
आग जलती रहे (Poem 2021)
दुष्यंत कुमार
ज़िंदगानी का कोई मक़सद नहीं है (Poem 2021)
दुष्यंत कुमार
अफ़वाह है या सच है ये कोई नही बोला (Poem 2021)
दुष्यंत कुमार
बाएँ से उड़के दाईं दिशा को गरुड़ गया (Poem 2021)
दुष्यंत कुमार
मेरे स्वप्न तुम्हारे पास सहारा पाने आएँगे (Poem 2021)
दुष्यंत कुमार
घंटियों की आवाज़ कानों तक पहुँचती है (Poem 2021)
दुष्यंत कुमार
ये ज़ुबाँ हमसे सी नहीं जाती (Poem 2021)
दुष्यंत कुमार
कहाँ तो तय था चराग़ाँ हर एक घर के लिये (Poem 2021)
दुष्यंत कुमार
ये सच है कि पाँवों ने बहुत कष्ट उठाए (Poem 2021)
दुष्यंत कुमार
बाढ़ की संभावनाएँ सामने हैं (Poem 2021)
दुष्यंत कुमार
विदा के बाद प्रतीक्षा (Poem 2021)
दुष्यंत कुमार
जाने किस—किसका ख़्याल आया है (Poem 2021)
दुष्यंत कुमार
तुमको निहारता हूँ सुबह से ऋतम्बरा (Poem 2021)
दुष्यंत कुमार
फिर कर लेने दो प्यार प्रिये (Poem 2021)
दुष्यंत कुमार
अपनी प्रेमिका से (Poem 2021)
दुष्यंत कुमार
हालाते जिस्म, सूरते-जाँ और भी ख़राब (Poem 2021)
दुष्यंत कुमार
लफ़्ज़ एहसास-से छाने लगे, ये तो हद है (Poem 2021)
दुष्यंत कुमार
किसी को क्या पता था इस अदा पर मर मिटेंगे हम (Poem 2021)
दुष्यंत कुमार
बहुत सँभाल के रक्खी तो पाएमाल हुई (Poem 2021)
दुष्यंत कुमार
इस मोड़ से तुम मुड़ गई फिर राह सूनी हो गई। (Poem 2021)
दुष्यंत कुमार
नज़र-नवाज़ नज़ारा बदल न जाए कहीं (Poem 2021)
दुष्यंत कुमार
पक गई हैं आदतें बातों से सर होंगी नहीं (Poem 2021)
दुष्यंत कुमार
ये शफ़क़ शाम हो रही है अब (Poem 2021)
दुष्यंत कुमार
एक गुड़िया की कई कठपुतलियों में जान है (Poem 2021)
दुष्यंत कुमार
एक आशीर्वाद (Poem 2021)
दुष्यंत कुमार
सूना घर (Poem 2021)
दुष्यंत कुमार
मेरे गीत तुम्हारे पास सहारा पाने आएँगे (Poem 2021)
दुष्यंत कुमार
हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए (Poem 2021)
दुष्यंत कुमार
इस रास्ते के नाम लिखो एक शाम और (Poem 2021)
दुष्यंत कुमार
चांदनी छत पे चल रही होगी
दुष्यंत कुमार
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