आसमान खुद
आसमान ख़ुद हवा बनकर
नहीं बहता जैसे
हवा उसमें बहती है
ऐसे जीवन भी
ख़ुद नहीं बन जाता मौत
मौत उसमें रहती है
कहीँ पहले से
और सिर उठाती है फिर
वक़्त पाकर
आसमान में चुप पड़ी हुई
हवा की तरह
आसमान खुद
हवा बनकर नहीं बहता!
आसमान खुद
आसमान ख़ुद हवा बनकर
नहीं बहता जैसे
हवा उसमें बहती है
ऐसे जीवन भी
ख़ुद नहीं बन जाता मौत
मौत उसमें रहती है
कहीँ पहले से
और सिर उठाती है फिर
वक़्त पाकर
आसमान में चुप पड़ी हुई
हवा की तरह
आसमान खुद
हवा बनकर नहीं बहता!
दाता, लेनेवाला, पावित्र्य, देय वस्तु, देश, और काल – ये छे दान के अंग हैं ।
Donor, taker, recipient, dues, country, and time - these are the six parts of donation.
लोकाः समस्ताः सुखिनो भवन्तु॥
Coded By brahma
2020 - ∞
ॐ