Lekh
Shlok
Kavita
Mantra
Bhajan
Sanskrit shloka on Book
किसी पुस्तक में रखी विद्या और दूसरे के हाथ में गया धन। ये दोनों जब जरूरत होती है तब हमारे किसी भी काम में नहीं आती।
Knowledge kept in a book and money in the hands of another. These two do not come in any of our work when it is needed.
किताबों मे छपा अक्षर ज्ञान एवम दूसरों को दिया धन यह दोनों मुसीबत में कभी काम नहीं आते ।
Knowledge gives humility, from humility, one attains character; From character, one acquires wealth; from wealth good deeds (righteousness) follow and then happiness.
विद्या विनय देती है, विनय से पात्रता आती है, पात्रता से धन आता है, धन से धर्म होता है, और धर्म से सुख प्राप्त होता है।
विद्या विनय अर्थात विनम्रता प्रदान करती है ,विनम्रता से मनुष्य योग्यता प्राप्त करता है,अपनी योग्यता के दम पर मनुष्य धन प्राप्त करता है और धन से धार्मिक कार्य समपन्न हो सकते है ,धार्मिक कार्य से असीम आनन्द की प्राप्ति होती है ।इसका अर्थ है कि मनुष्य को सदैव सर्वश्रेष्ठ कार्य करने चाहिये उसीसे सुख की प्राप्ति होती है।इसके मूल मे ये है कि मनुष्य को ज्ञानवान होने की महती आवश्यकता है।
அறிவு மனத்தாழ்மையையும், பணிவு தகுதியையும், தகுதி செல்வத்தையும், செல்வம் நேர்மையையும், நீதியும் மகிழ்ச்சியையும் தருகிறது.