Lekh
Shlok
Kavita
Mantra
Bhajan
Sanskrit shloka on Dhan
किसी पुस्तक में रखी विद्या और दूसरे के हाथ में गया धन। ये दोनों जब जरूरत होती है तब हमारे किसी भी काम में नहीं आती।
Knowledge kept in a book and money in the hands of another. These two do not come in any of our work when it is needed.
किताबों मे छपा अक्षर ज्ञान एवम दूसरों को दिया धन यह दोनों मुसीबत में कभी काम नहीं आते ।
- Chapter 4 -
Shlok 5
विद्या कामधेनु के समान गुणोंवाली है, बुरे समय में भी फल देनेवाली है, प्रवास काल में माँ के समान है तथा गुप्त धन है ।
Learning is like a cow of desire. It, like her, yields in all seasons. Like a mother, it feeds you on your journey, therefore learning is a hidden treasure.
निर्धन जन सौ प्रयत्न कर लें तो भी धन नहीं कमा सकते हैं । जैसे हाथियों के माध्यम से हाथी वश में किए जाते हैं वैसे ही धन के निवेश से ही धन अभिवृद्धि किया जा सकता हैं।।