श्री युगलकिशोर की आरती
आरती युगलकिशोर की कीजै।तन मन धन न्यौछावर कीजै॥ गौरश्याम मुख निरखन लीजै,हरि का स्वरूप नयन भरि पीजै। रवि शशि कोटि बदन की शोभा,ताहि निरखि मेरो
आरती युगलकिशोर की कीजै।तन मन धन न्यौछावर कीजै॥ गौरश्याम मुख निरखन लीजै,हरि का स्वरूप नयन भरि पीजै। रवि शशि कोटि बदन की शोभा,ताहि निरखि मेरो
मेरी अरज सुनों मेरे साँवरे, मेरे काटो कारे फंद श्री बांके बिहारी आपको, श्री राधे की सौगंध कन्हैया बस मेरा एक काम हो जाए बांके
मैया मोरी, मैं नहीं माखन खायो। कहत सुनत में आकर काहे झूठा दोष लगायो, री मैया मोरी, मैं नहीं माखन खायो। यमुना के तट पर
बृंदाबन का कृष्ण कन्हैया, सब की आँखो का तारा -2 मन ही मन क्यो जले राधिका मोहन तो है सब का प्यारा मन ही मन
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम लोग करें मीरा को यूँ ही बदनाम साँवरे की बंसी को बजने से काम राधा का भी श्याम वोतो
जग में सुन्दर है दो नाम, चाहे कृष्ण कहो या राम बोलो राम राम राम, बोलो श्याम श्याम श्याम जग में सुन्दर है दो नाम,
ॐ जय श्री राधा जय श्री कृष्ण श्री राधा कृष्णाय नमः .. घूम घुमारो घामर सोहे जय श्री राधा पट पीताम्बर मुनि मन मोहे जय
बृज में आनंद भयो, जय यशोदा लाल की। हाथी घोडा पालकी, जय कन्हैया लाल की॥(2) जय हो नंदलाल की, जय यशोदा लाल की। गोकुल में
माधव के हाथ में जादू कि छडी है, वाहे में जान मेरी अटकी पड़ी है – (2) साँझ ढले कदम तले तेरे कन्हइया, बंसी बजईया
मुझे चरनो से लगा ले, मेरे श्याम मुरलीवाले – (2) मेरी साँस साँस में तेरा, है नाम मुरलीवाले, मुझे चरनो से लगा ले मेरे श्याम
मच गया शोर सारी नगरी रे, सारी नगरी रे आया बिरज का बाँका, संभाल तेरी गगरी रे अरे मच गया शोर… देखो अरे देखो कहीं
श्याम मोरे नैनन आगे रहियो कन्हैया मोरे नैनन आगे रहियो नाथ मोरे नैनन आगे रहियो कन्हैया मोरे नैनन आगे रहियो हरिजी मोरे जय हो श्याम
पत्ता पत्ता श्याम बोलता पत्ता पत्ता श्याम बोलता||4|| राधा नाम की लगाई फुलवारी के पत्ता पत्ता श्याम बोलता राधा नाम की लगाई फुलवारी के पत्ता
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना तुझे मिल गया पुजारी, मुझे मिल गया ठिकाना मुझे इसका गम नहीं है, बदलेगा यूँ
आज बृज में होरी रे रसिया। होरी रे रसिया, बरजोरी रे रसिया॥ अपने अपने महलों से निकली, कोई श्यामल कोई गोरी रे रसिया। कौन गाँव
मेरे प्यारे कन्हैया, ओ बंसी बजैया, फिर से बंसी बजाने तू आजा, छोटी गैया चराने आजा, छोटी गैया चराने आजा, मेरे प्यारे कन्हैया, तू बंसी
श्याम तेरी बन्सी पुकारे राधा नाम लोग करे मीरा को यूँ ही बदनाम साँवरे की बन्सी को बजने से काम राधा का भी श्याम वो
आना श्री भगवान हमारे हरी कीर्तन में ||2|| आना सुन्दर श्याम हमारे हरी कीर्तन में ||2|| आना श्री भगवान हमारे हरी कीर्तन में……… आप भी
पत्थर से पत्थर घिस के पैदा होती चिंगारी पत्थर की नार अहिल्या, पग से श्री राम ने तारी पत्थर के मठ में बैठी, मैया हमारी
बता मेरे यार सुदामा रे भाई घने दिनों में आया बालक था रे जब आया करता रोज़ खेल के जाया करता रे बालक था रे
फूलों में सज रहे हैं, श्री वृंदा बिपिन बिहारी और संग में सज रही हैं, श्री वृषभानु की दुलारी टेढ़ा सा मुकुट सिर पर, रखा
दाता, लेनेवाला, पावित्र्य, देय वस्तु, देश, और काल – ये छे दान के अंग हैं ।
Donor, taker, recipient, dues, country, and time - these are the six parts of donation.
लोकाः समस्ताः सुखिनो भवन्तु॥
Coded By brahma
2020 - ∞
ॐ