Lekh
Shlok
Kavita
Mantra
Bhajan
Sanskrit shloka on Seva
अर्थार्थ:- वह व्यक्ति जो अलग अलग जगहों या देशो में घूमकर (पंडितों) विद्वानों की सेवा करता है, उसकी बुद्धि का विस्तार(विकास) उसी प्रकार होता है, जैसे तेल की बूंद पानी में गिरने के बाद फ़ैल जाती है|
A person who travels in different countries/directions. a person who serves scholars (learned person), his intelligence expands or develops as drop of oil on water surface.
वह व्यक्ति जो अलग–अलग जगहों या देशो में घूमता है और विद्वानों की सेवा करता है उसकी बुद्धि उसी तरह से बढती है जैसे तेल का बूंद पानी में गिरने के बाद फ़ैल जाता है