Lekh
Shlok
Kavita
Mantra
Bhajan
Sanskrit shloka on Sher
यानि, उद्यम से ही कार्य पूर्ण होते हैं, केवल इच्छा करने से नहीं।
सोते हुए शेर के मुख में मृग स्वयं प्रवेश नहीं करते हैं।
सभी कार्य परिश्रम से सिद्ध होते हैं न कि सोचते रहने से। जिस प्रकार सोते हुए शेर के मुख में हिरण आदि जानवर स्वयं प्रवेश नहीं करते, अपितु शेर को स्वंय शिकार करना पड़ता है ठीक उसी प्रकार हमें भी वांछित उद्देश्य की प्राप्ति के लिए लगनशील होकर परिश्रम करना चाहिए।