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Articles on Vishnu
• 2 years ago
बुद्ध शब्द का वर्णन वाल्मिकी रामायण में भी है और महाभारत में भी है। जहां जहां जिस ग्रंथ में सांख्य...
Sanskrit shloka on Vishnu
- Chapter 4 -
Shlok 7
हे भारत! जब-जब धर्म की हानि और अधर्म की वृद्धि होती है, तब-तब ही मैं अपने रूप को रचता हूँ अर्थात साकार रूप से लोगों के सम्मुख प्रकट होता हूँ॥7॥
- Chapter 4 -
Shlok 8
साधु पुरुषों का उद्धार करने के लिए, पाप कर्म करने वालों का विनाश करने के लिए और धर्म की अच्छी तरह से स्थापना करने के लिए मैं युग-युग में प्रकट हुआ करता हूँ॥8॥
- Chapter 4 -
Shlok 9
हे अर्जुन! मेरे जन्म और कर्म दिव्य अर्थात निर्मल और अलौकिक हैं- इस प्रकार जो मनुष्य तत्व से (सर्वशक्तिमान, सच्चिदानन्दन परमात्मा अज, अविनाशी और सर्वभूतों के परम गति तथा परम आश्रय हैं, वे केवल धर्म को स्थापन करने और संसार का उद्धार करने के लिए ही अपनी योगमाया से सगुणरूप होकर प्रकट होते हैं। इसलिए परमेश्वर के समान सुहृद्, प्रेमी और पतितपावन दूसरा कोई नहीं है, ऐसा समझकर जो पुरुष परमेश्वर का अनन्य प्रेम से निरन्तर चिन्तन करता हुआ आसक्तिरहित संसार में बर्तता है, वही उनको तत्व से जानता है।) जान लेता है, वह शरीर को त्याग कर फिर जन्म को प्राप्त नहीं होता, किन्तु मुझे ही प्राप्त होता है॥
- Chapter 9 -
Shlok 4
ଏ ସମସ୍ତ ଜଗତର ମୋର ଅବ୍ୟକ୍ତ ମୂର୍ତ୍ତିରେ ମୋ 'ଦ୍ବାର ପରିବ୍ୟାପ୍ତ ହୋଇଅଛି ସମସ୍ତ ଜୀବ ମୋଠାରେ ଅଛନ୍ତି , କିନ୍ତୁ ମୁଁ ସେମାନଙ୍କଠାରେ ନାହିଁ
यह सम्पूर्ण जगत् मुझ (परमात्मा) के अव्यक्त स्वरूप से व्याप्त है; भूतमात्र मुझमें स्थित है, परन्तु मैं उनमें स्थित नहीं हूं।।
हे माता पृथ्वी ! तुमने जिव जगत को धारण किया हुआ है एवं विष्णु जी ने आप को धारण किया हुआ है। हे देवी ! तुम मुझे भी धारण करो एवं मेरे आसन को पवित्र करो।
Om, O Maa Prithivi, by You are borne the entire Loka, And Devi, You in turn are borne by Sri Vishnu, Please hold me, O Devi, and make this Asana Pure.
Mantra on Vishnu
Om Shri Vishnave Cha Vidmahe Vasudevaya Dhimahi।
Tanno Vishnuh Prachodayat॥
Shantakaram Bhujagashayanam Padmanabham Suresham
Vishvadharam Gaganasadrisham Meghavarnam Shubhangam।
Lakshmikantam Kamalanayanam Yogibhirdhyanagamyam
Vande Vishnum Bhavabhayaharam Sarvalokaikanatham॥
Mangalam Bhagwan Vishnuh, Mangalam Garunadhwajah।
Mangalam Pundari Kakshah, Mangalaya Tano Harih॥