यह सिर्फ नाम नहीं है बन्धु, यह जीवंत उदाहरण है रूपांतरण का ।।
अभी मैं जिस आश्रम में रुका हुआ हूँ वहां कुछ निर्माणकार्य चल रहा है, मसाला मिक्स करने वाली मशीन कल खराब हो गई, आज एक मिस्त्री आया उसे ठीक करने, आते ही अपने काम में जुट गया, पूरा इंजन खोल दिया,मैं थोड़ी दूर बैठा कुछ पढ़ रहा था।।
तभी एकदम से यह भाई जो नीचे चित्र में नीली शर्ट में है उठकर आया और तेल में सने काले हाथ फैलाकर इतनी खुशी से बोला गुरुजी पहचाना मुझे??
मैंने कहा नहीं भाई,तब बताने लगा गुरुजी आप दो साल पहले गुना जेल में गए थे, मैंने कहा-हां भाई।
तुम लोग यह न समझ जाना मैं कोई अपराधी हूँ इसलिए जेल गया था, मेरा काम है स्कूल कालेजों में घूम घूमकर योग शिविर लगाना, जेलों में श्रीमद्भगवद गीता और वेद उपनिषदों पर व्याख्यान करना, लोगों को बताना की एक दिव्य जीवन कैसे शुरू करें, तब इसी तरह मध्यप्रदेश के गुना जिले की जेल में भी जाना हुआ था।।
भाई ने बताया कि मैं उस समय आगे ही बैठा था गुरुजी,, आपने खूब कहानी चुटकले कहकर हंसाया था हमें, और अंतिम में एक बात कही थी आपने–देखो भाई हो सकता है इस समय नाउम्मीदी घेरे हुए हो तुम्हें, लेकिन उम्मीद की स्वर्णिम चिड़िया तुम्हारे मुंडेर पर बैठी चहचहा रही है, हो सकता है आपके जीवन में घना अंधेरा हो इस समय, लेकिन यह याद रखना की उजाला तुम्हारी प्रतीक्षा कर रहा है।।
गुरुजी उस समय मुझे किसी ने झूठे केस में फंसा दिया था और ढाई साल जेल में रहना पड़ा, मन बहुत उदास था सच में अंधेरा दिख रहा था, लेकिन देखो आपने जो कहा था–उजाला तुम्हारा इंतजार कर रहा है, सच में उजाला हो गया है, इस समय मैं ट्रैक्टर और अन्य मशीनों के इंजनों का मिस्त्री हूँ, और बहुत अच्छा मिस्त्री हूँ, आरोन में पेट्रोल पंप के पास अपनी खुद की दुकान है, कभी मेरी दुकान पर जरूर आना गुरुजी।।
किसी की बातों में इतना #प्रेम महसूस करने के लिए हृदय तरस जाता है,, लेकिन आज इस भाई के प्रेम की खूब जमकर बारिश हुई है,, अंदर बाहर सब भीगा भीगा सा है,
मैंने कहा हां जरूर आऊंगा लेकिन अपना नाम तो बता दे भाई, तब मुस्कुरा के बोला शैतान सिंह लोधी है गुरुजी।
जो लोग दो चार अंक कम आने पर #आत्महत्या करने भागते हैं, थोड़ी मुसीबत आते ही सरकार या अपनो को कोसने लगते हैं,, बेरोजगारी कह कहके छाती पीटते हैं उन्हें शैतान सिंह से बहुत कुछ सीखने की जरूरत है बन्धु।
।। ॐ श्री परमात्मने नमः ।।
साभार – स्वामी सूर्यदेव