
Aarti Devi Skandmata ji ki
Skandamātā is the fifth among the Navadurga forms of Mahadevi. Her name comes from Skanda, an alternate name for the war god Kartikeya, and Mātā, meaning mother. As one of the Navadurga, the worship of Skandamātā takes place on the fifth day of Navaratri.
Change Bhasha
जय तेरी हो स्कन्द माता।पांचवां नाम तुम्हारा आता॥ सबके मन की जानन हारी।जग जननी सबकी महतारी॥ तेरी जोत जलाता रहूं मैं।हरदम तुझे ध्याता रहूं मै॥ कई नामों से तुझे पुकारा।मुझे एक है तेरा सहारा॥ कही पहाड़ों पर है डेरा।कई शहरों में तेरा बसेरा॥ हर मन्दिर में तेरे नजारे।गुण गाए तेरे भक्त प्यारे॥ भक्ति अपनी मुझे दिला दो।शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो॥ इन्द्र आदि देवता मिल सारे।करे पुकार तुम्हारे द्वारे॥ दुष्ट दैत्य जब चढ़ कर आए।तू ही खण्ड हाथ उठाए॥ दासों को सदा बचाने आयी।भक्त की आस पुजाने आयी॥