
Aarti Shree Durga Ji Ki-2
Change Bhasha
अम्बे तू है जगदम्बे काली,जय दुर्गे खप्पर वाली, तेरे ही गुण गावें भारती,ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती। ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥ तेरे भक्त जनो पर माताभीर पड़ी है भारी। दानव दल पर टूट पड़ो माँकरके सिंह सवारी॥ सौ-सौ सिहों से बलशाली,है अष्ट भुजाओं वाली, दुष्टों को तू ही ललकारती। ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥ माँ-बेटे का है इस जग मेंबड़ा ही निर्मल नाता। पूत-कपूत सुने हैपर ना माता सुनी कुमाता॥ सब पे करूणा दर्शाने वाली,अमृत बरसाने वाली, दुखियों के दुखड़े निवारती। ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥ नहीं मांगते धन और दौलत,न चांदी न सोना। हम तो मांगें तेरे चरणों मेंछोटा सा कोना॥ सबकी बिगड़ी बनाने वाली,लाज बचाने वाली, सतियों के सत को संवारती। ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥ चरण शरण में खड़े तुम्हारी,ले पूजा की थाली। वरद हस्त सर पर रख दो माँसंकट हरने वाली॥ माँ भर दो भक्ति रस प्याली,अष्ट भुजाओं वाली, भक्तों के कारज तू ही सारती। ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥