
Shree Vindhyavasini ji ki Aarti
Vindhyavasini, serves as the personification of Vishnu's powers of illusion. The deity is regarded as the benevolent aspect of the goddess Durga in the Bhagavata Purana. She is regarded by Shaktas to be a form of Adi Shakti.The goddess Vindhyavasini gets her name from the Vindhya Range, literally meaning, "she who resides in Vindhya".
Change Bhasha
सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी, कोई तेरा पार ना पाया टेक।
पान सुपारी ध्वजा नारियल, ले तेरी भेट चढ़ाया।।
सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी, सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी।।
साड़ी चोली तेरी अंग विराजे, केसर तिलक लगाया।
सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी, सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी।।
नंगे पग माँ अकबर आया, सोने का छत्र चढ़ाया।
सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी, सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी।।
उँचे पर्वत बन्यो देवालय, नीचे शहर बसाया।
सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी, सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी।।
सतयुग, द्वापर, त्रेता मध्ये, कलयुग राज सवाया।
सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी, सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी।।
धूप दीप नैवेद्य आरती, मोहन भोग लगाया।