
ai chaka bulaye syama
Change Bhasha
आई छाक बुलाये स्याम। यह सुनि सखा सभै जुरि आये, सुबल सुदामा अरु श्रीदाम॥ कमलपत्र दौना पलास के सब आगे धरि परसत जात। ग्वालमंडली मध्यस्यामधन सब मिलि भोजन रुचिकर खात॥ ऐसौ भूखमांझ इह भौजन पठै दियौ करि जसुमति मात। सूर, स्याम अपनो नहिं जैंवत, ग्वालन कर तें लै लै खात॥