brah.ma
/bhajan/charana-kamala-bamdau-hari-rai/charana kamala bamdau hari rai
0
0
Change Bhasha
चरन कमल बंदौ हरि राई। जाकी कृपा पंगु गिरि लंघै, आंधर कों सब कछु दरसाई॥ बहिरो सुनै, मूक पुनि बोलै, रंक चले सिर छत्र धराई। सूरदास स्वामी करुनामय, बार-बार बंदौं तेहि पाई॥