
hari hari hari sumirana karau
Change Bhasha
हरि हरि हरि सुमिरन करौ। हरि चरनारबिंद उर धरौं॥
हरि की कथा होइ जब जहां। गंगाहू चलि आवै तहां॥
जमुना सिन्धु सरस्वति आवै। गोदावरी विलंब न लाबै॥
सर्व तीर्थ को बासा तहां। सूर, हरि-कथा होवे जहां॥
Change Bhasha
हरि हरि हरि सुमिरन करौ। हरि चरनारबिंद उर धरौं॥
हरि की कथा होइ जब जहां। गंगाहू चलि आवै तहां॥
जमुना सिन्धु सरस्वति आवै। गोदावरी विलंब न लाबै॥
सर्व तीर्थ को बासा तहां। सूर, हरि-कथा होवे जहां॥
Initiative by brah.ma 2020 – ∞
Built in Kaashi, for the world