
hari janaku harinama
Change Bhasha
हरि जनकू हरिनाम बडो धन हरि जनकू हरिनाम ॥ ध्रु०॥ बिन रखवाले चोर नहि चोरत सुवत है सुख धाम ॥ ब०॥१॥ दिन दीन होते सवाई दोढी धरत नहीं कछु दाम ॥ ब०॥२॥ सुरदास दोढी धरत नहीं कछु दाम ॥ ब०॥३॥ प्रभु सेवा जाकी पारससुं कहां काम ॥ ब०॥४॥