
jasoda maiya mai nahi dadhi khayo
Change Bhasha
जशोदा मैया मै नही दधी खायो॥ध्रु०॥ प्रात समये गौबनके पांछे। मधुबन मोहे पठायो॥१॥ सारे दिन बन्सी बन भटके। तोरे आगे आयो॥२॥ ले ले अपनी लकुटी कमलिया। बहुतही नाच नचायो॥३॥ तुम तो धोठा पावनको छोटा। ये बीज कैसो पायो॥४॥ ग्वाल बाल सब द्वारे ठाडे है। माखन मुख लपटायो॥५॥ मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। जशोमती कंठ लगायो॥६॥