
madhava kata tora karab badai
Change Bhasha
माधव कत तोर करब बड़ाई। उपमा करब तोहर ककरा सों कहितहुँ अधिक लजाई॥ अर्थात् भगवान् की तुलना किसी से संभव नहीं है।
पायो परम पदु गात सबै दिन एक से नहिं जात। सुमिरन भजन लेहु करि हरि को जों लगि तन कुसलात॥ कबहूं कमला चपल पाइ कै टेढ़ेइ टेढ़े जात। कबहुंक आइ परत दिन ऐसे भोजन को बिललात॥ बालापन खेलत ही गंवायो तरुना पे अरसात। सूरदास स्वामी के सेवत पायो परम पदु गात॥