
murali kunjanini kunjani bajati
Change Bhasha
मुरली कुंजनीनी कुंजनी बाजती ॥ध्रु०॥ सुनीरी सखी श्रवण दे अब तुजेही बिधि हरिमुख राजती ॥१॥ करपल्लव जब धरत सबैलै सप्त सूर निकल साजती ॥२॥ सूरदास यह सौती साल भई सबहीनके शीर गाजती ॥३॥
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मुरली कुंजनीनी कुंजनी बाजती ॥ध्रु०॥ सुनीरी सखी श्रवण दे अब तुजेही बिधि हरिमुख राजती ॥१॥ करपल्लव जब धरत सबैलै सप्त सूर निकल साजती ॥२॥ सूरदास यह सौती साल भई सबहीनके शीर गाजती ॥३॥
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