
nari durata bayana ratanare
Change Bhasha
नारी दूरत बयाना रतनारे ॥ध्रु०॥ जानु बंधु बसुमन बिसाल पर सुंदर शाम सीली मुख तारे । रहीजु अलक कुटील कुंडलपर मोतन चितवन चिते बिसारे । सिथील मोंह धनु गये मदन गुण रहे कोकनद बान बिखारे । मुदेही आवत है ये लोचन पलक आतुर उधर तन उधारे । सूरदास प्रभु सोई धो कहो आतुर ऐसोको बनिता जासो रति रहनारे ॥