
śrī vallabha bhale bure dou tere
Change Bhasha
श्री वल्लभ भले बुरे दोउ तेरे। तुमही हमरी लाज बढाई, विनती सुनो प्रभु मेरे ॥१॥ अन्य देव सब रंक भिखारी, देखे बहुत घनेरे । हरि प्रताप बल गिनत न काहु, निडर भये सब चेरे ॥२॥ सब त्यज तुम शरणागत आयो, दृढ कर चरण गहेरे । “सूरदास” प्रभु तुम्हारे मिलेते, पाये सुख जु घनेरे ॥३॥