
tabmein janakinath kaho
Change Bhasha
तबमें जानकीनाथ कहो ॥ध्रु०॥ सागर बांधु सेना उतारो । सोनेकी लंका जलाहो ॥१॥ तेतीस कोटकी बंद छुडावूं बिभिसन छत्तर धरावूं ॥२॥ सूरदास प्रभु लंका जिती । सो सीता घर ले आवो॥३॥ तबमें जानकीनाथ०॥
Change Bhasha
तबमें जानकीनाथ कहो ॥ध्रु०॥ सागर बांधु सेना उतारो । सोनेकी लंका जलाहो ॥१॥ तेतीस कोटकी बंद छुडावूं बिभिसन छत्तर धरावूं ॥२॥ सूरदास प्रभु लंका जिती । सो सीता घर ले आवो॥३॥ तबमें जानकीनाथ०॥
Initiative by brah.ma 2020 – ∞
Built in Kaashi, for the world