
tiharo darasa mohe bhave sri yamuna ji
Change Bhasha
तिहारो दरस मोहे भावे श्री यमुना जी । श्री गोकुल के निकट बहत हो, लहरन की छवि आवे ॥१॥ सुख देनी दुख हरणी श्री यमुना जी, जो जन प्रात उठ न्हावे । मदन मोहन जू की खरी प्यारी, पटरानी जू कहावें ॥२॥ वृन्दावन में रास रच्यो हे, मोहन मुरली बजावे । सूरदास प्रभु तिहारे मिलन को, वेद विमल जस गावें ॥३॥