
vrmdavana eka palaka jo rahiye
Change Bhasha
वृंदावन एक पलक जो रहिये। जन्म जन्म के पाप कटत हे कृष्ण कृष्ण मुख कहिये ॥१॥ महाप्रसाद और जल यमुना को तनक तनक भर लइये। सूरदास वैकुंठ मधुपुरी भाग्य बिना कहां पइये ॥२॥
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वृंदावन एक पलक जो रहिये। जन्म जन्म के पाप कटत हे कृष्ण कृष्ण मुख कहिये ॥१॥ महाप्रसाद और जल यमुना को तनक तनक भर लइये। सूरदास वैकुंठ मधुपुरी भाग्य बिना कहां पइये ॥२॥
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