Change Bhasha
स्वर्ग की जो कल्पना है,व्यर्थ क्यों कहते उसे तुम?धर्म बतलाता नहीं संधान यदि इसका?स्वर्ग का तुम आप आविष्कार कर लेते।
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ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः
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