अध्वा जरा देहवतां पर्वतानां जलं जरा । अमैथुनं जरा स्त्रीणां वस्त्राणामातपो जरा ॥ 17 ॥
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adhvā jarā dehavatāṃ parvatānāṃ jalaṃ jarā । amaithunaṃ jarā strīṇāṃ vastrāṇāmātapo jarā ॥ 17 ॥
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मनुष्यों के लिए पैदल न चलना, घोड़ों को बाँधकर रखना, स्त्रियों के लिए असम्भोग (मैथुन न करना) और वस्त्रों के लिए धूप जरा (बुढापा) लाने का कारण है।
Hindi Translation
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