...

श्रीभगवानुवाच | असंशयं महाबाहो मनो दुर्निग्रहं चलम् | अभ्यासेन तु कौन्तेय वैराग्येण च गृह्यते || 35||

Change Bhasha

śhrī bhagavān uvācha asanśhayaṁ mahā-bāho mano durnigrahaṁ chalam abhyāsena tu kaunteya vairāgyeṇa cha gṛihyate

0

श्रीभगवान् बोले हे महाबाहो यह मन बड़ा चञ्चल है और इसका निग्रह करना भी बड़ा कठिन है यह तुम्हारा कहना बिलकुल ठीक है। परन्तु हे कुन्तीनन्दन अभ्यास और वैराग्यके द्वारा इसका निग्रह किया जाता है।

Hindi Translation

Lord Krishna said: O mighty-armed son of Kunti, what you say is correct; the mind is indeed very difficult to restrain. But by practice and detachment, it can be controlled.

English Translation

Built in Kashi for the World

ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः