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भोगैश्वर्यप्रसक्तानां तयापहृतचेतसाम्। व्यवसायात्मिका बुद्धिः समाधौ न विधीयते।।2.44।।

Change Bhasha

bhogaiśwvarya-prasaktānāṁ tayāpahṛita-chetasām vyavasāyātmikā buddhiḥ samādhau na vidhīyate

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उससे जिनका चित्त हर लिया गया है ऐसे भोग और एश्र्वर्य‌ मॆ आसक्ति रखने वाले पुरुषों के अन्तकरण मे निश्चयात्मक् बुद्धि नही हॊती अर्थात वे ध्यान का अभ्यास करने योग्य‌ नही होते।

Hindi Translation

With their minds deeply attached to worldly pleasures and their intellects bewildered by such things, they are unable to possess the resolute determination for success on the path to God.

Hindi Translation

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ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः