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धनधान्यप्रयोगेषु विद्यासङ्ग्रहणे तथा । आहारे व्यवहारे च त्यक्तलज्जः सुखी भवेत् ॥

Change Bhasha

dhanadhānyaprayogeṣu vidyāsaṅgrahaṇe tathā | āhāre vyavahāre ca tyaktalajjaḥ sukhī bhavet ||

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He who gives up shyness in monetary dealings, in acquiring knowledge, in eating and in business, becomes happy.

 

English Translation

जो सुख और शांति का अनुभव स्वरुप ज्ञान को प्राप्त करने से होता है, वैसा अनुभव जो लोभी लोग धन के लोभ में यहाँ वहा भटकते रहते है उन्हें नहीं होता.

Hindi Translation

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ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः