...

एतान्यपि तु कर्माणि सङ्गं त्यक्त्वा फलानि च | कर्तव्यानीति मे पार्थ निश्चितं मतमुत्तमम् || 6||

Change Bhasha

etāny api tu karmāṇi saṅgaṁ tyaktvā phalāni cha kartavyānīti me pārtha niśhchitaṁ matam uttamam

0

हे पार्थ इन कर्मों को भी? फल और आसक्ति को त्यागकर करना चाहिए? यह मेरा निश्चय किया हुआ उत्तम मत है।

Hindi Translation

These activities must be performed without attachment and expectation for rewards. This is My definite and supreme verdict, O Arjun.

English Translation

Built in Kashi for the World

ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः