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गुरुरग्निर्द्विजातीनां वर्णानां ब्राह्मणो गुरुः । पतिरेव गुरुः स्त्रीणां सर्वस्याभ्यागतो गुरुः ॥

Change Bhasha

gururagnirdvijātīnāṃ varṇānāṃ brāhmaṇo guruḥ | patireva guruḥ strīṇāṃ sarvasyābhyāgato guruḥ ||

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Agni is the worshipable person for the twice-born; the brahmana for the other castes; the husband for the wife; and the guest who comes for food at the midday meal for all.

English Translation

ब्राह्मणों को अग्नि की पूजा करनी चाहिए . दुसरे लोगों को ब्राह्मण की पूजा करनी चाहिए . पत्नी को पति की पूजा करनी चाहिए तथा दोपहर के भोजन के लिए जो अतिथि आये उसकी सभी को पूजा करनी चाहिए|

Hindi Translation

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ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः