धनधान्यप्रयोगेषु विद्यासङ्ग्रहणे तथा । आहारे व्यवहारे च त्यक्तलज्जः सुखी भवेत् ॥
Change Bhasha
dhanadhānyaprayogeṣu vidyāsaṅgrahaṇe tathā | āhāre vyavahāre ca tyaktalajjaḥ sukhī bhavet ||
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He who is not shy in the acquisition of wealth, grain and knowledge, and in taking his meals, will be happy.
English Translation
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एक विद्वान व्यक्ति ने अपने भोजन की चिंता नहीं करनी चाहिए. उसे सिर्फ अपने धर्म को निभाने की चिंता होनी चाहिए. हर व्यक्ति का भोजन पर जन्म से ही अधिकार है.
Hindi Translation
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