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कथं न ज्ञेयमस्माभि: पापादस्मान्निवर्तितुम् | कुलक्षयकृतं दोषं प्रपश्यद्भिर्जनार्दन || 39||

Change Bhasha

kathaṁ na jñeyam asmābhiḥ pāpād asmān nivartitum kula-kṣhaya-kṛitaṁ doṣhaṁ prapaśhyadbhir janārdana

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परन्तु हेे जनार्दन कुलक्षय से होने वाले दोष को जानने वाले हम लोगों को इस पाप से विरत होने के लिए क्यों नहीं सोचना चाहिये।

Hindi Translation

Yet, O Janardan (Krishna), why should we, who can clearly see the crime in killing our kindred, not turn away from this sin?

English Translation

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ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः