अर्जुन उवाच | किं तद्ब्रह्म किमध्यात्मं किं कर्म पुरुषोत्तम | अधिभूतं च किं प्रोक्तमधिदैवं किमुच्यते || 1|| अधियज्ञ: कथं कोऽत्र देहेऽस्मिन्मधुसूदन | प्रयाणकाले च कथं ज्ञेयोऽसि नियतात्मभि: || 2||
Change Bhasha
arjuna uvācha kiṁ tad brahma kim adhyātmaṁ kiṁ karma puruṣhottama adhibhūtaṁ cha kiṁ proktam adhidaivaṁ kim uchyate adhiyajñaḥ kathaṁ ko ’tra dehe ’smin madhusūdana prayāṇa-kāle cha kathaṁ jñeyo ’si niyatātmabhiḥ
अर्जुन ने कहा हे पुरुषोत्तम वह ब्रह्म क्या है अध्यात्म क्या है तथा कर्म क्या है और अधिभूत नाम से क्या कहा गया है तथा अधिदैव नाम से क्या कहा जाता है ? और हे मधुसूदन यहाँ अधियज्ञ कौन है और वह इस शरीर में कैसे है और संयत चित्त वाले पुरुषों द्वारा अन्त समय में आप किस प्रकार जाने जाते हैं ?
Hindi Translation
Arjun said: O Supreme Lord, what is Brahman (Absolute Reality), what is adhyatma (the individual soul), and what is karma? What is said to be adhibhuta, and who is said to be Adhidaiva? Who is Adhiyajna in the body and how is He the Adhiyajna? O Krishna, how are You to be known at the time of death by those of steadfast mind?
English Translation