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श्रीभगवानुवाच | मय्यावेश्य मनो ये मां नित्ययुक्ता उपासते | श्रद्धया परयोपेतास्ते मे युक्ततमा मता: || 2||

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śhrī-bhagavān uvācha mayy āveśhya mano ye māṁ nitya-yuktā upāsate śhraddhayā parayopetās te me yuktatamā matāḥ

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श्रीभगवान् ने कहा -- मुझमें मन को एकाग्र करके नित्ययुक्त हुए जो भक्तजन परम श्रद्धा से युक्त होकर मेरी उपासना करते हैं? वे? मेरे मत से? युक्ततम हैं अर्थात् श्रेष्ठ हैं।

Hindi Translation

श्रीभगवान् ने कहा -- मुझमें मन को एकाग्र करके नित्ययुक्त हुए जो भक्तजन परम श्रद्धा से युक्त होकर मेरी उपासना करते हैं? वे? मेरे मत से? युक्ततम हैं अर्थात् श्रेष्ठ हैं।

English Translation

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ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः