मुहूर्तमपि जीवेच्च नरः शुक्लेन कर्मणा । न कल्पमपि कष्टेन लोकद्वयविरोधिना ॥
Change Bhasha
muhūrtamapi jīvecca naraḥ śuklena karmaṇā | na kalpamapi kaṣṭena lokadvayavirodhinā ||
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यदि आदमी एक पल के लिए भी जिए तो भी उस पल को वह शुभ कर्म करने में खर्च करे. एक कल्प तक जी कर कोई लाभ नहीं. दोनों लोक इस लोक और पर-लोक में तकलीफ होती है.
Hindi Translation
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A man may live but for a moment, but that moment should be spent in doing auspicious deeds. It is useless living even for a kalpa (4,320,000 *1000 years) and bringing only distress upon the two worlds (this world and the next).
English Translation
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