न हि प्रपश्यामि ममापनुद्या द्यच्छोकमुच्छोषणमिन्द्रियाणाम्। अवाप्य भूमावसपत्नमृद्धम् राज्यं सुराणामपि चाधिपत्यम्।।2.8।।
Change Bhasha
na hi prapaśhyāmi mamāpanudyād yach-chhokam uchchhoṣhaṇam-indriyāṇām avāpya bhūmāv-asapatnamṛiddhaṁ rājyaṁ surāṇāmapi chādhipatyam
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पृथ्वी पर धनधान्य समृद्ध और निष्कण्टक राज्य तथा स्वर्ग में देवताओं का आधिपत्य मिल जाय तो भी इन्द्रियों को सुखाने वाला मेरा जो शोक है वह दूर हो जाय ऐसा मैं नहीं देखता हूँ।
Hindi Translation
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I can find no means of driving away this anguish that is drying up my senses. Even if I win a prosperous and unrivalled kingdom on the earth, or gain sovereignty like the celestial gods, I will be unable to dispel this grief.
English Translation
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