नाग्निहोत्रं विना वेदा न च दानं विना क्रिया । न भावेन विना सिद्धिस्तस्माद्भावो हि कारणम् ॥
nāgnihotraṃ vinā vedā na ca dānaṃ vinā kriyā | na bhāvena vinā siddhistasmādbhāvo hi kāraṇam ||
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Shlok Meaning
ॐ
Hindi Translation
ग्निहोत्र के विना वेद पढना व्यर्थ है, दान और दक्षिणा के विना यज्ञादि क्रियाएँ निष्फल होती हैं, श्रद्धा और भक्ति के विना किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त नहीं होती । अतः भावना ही सब सिद्धियों का मूल कारण है ।