पत्रं नैव यदा करीलविटपे दोषो वसन्तस्य किं नोलूकोऽप्यवलोकते यदि दिवा सूर्यस्य किं दूषणम्। वर्षा नैव पतन्ति चातकमुखे मेघस्य किं दूषणं यत्पूर्वं विधिना ललाट लिखितं तन्मार्जितुं कः क्षमः।।
Change Bhasha
patraṃ naiva yadā karīlaviṭape doṣo vasantasya kiṃ nolūko’pyavalokate yadi divā sūryasya kiṃ dūṣaṇam| varṣā naiva patanti cātakamukhe meghasya kiṃ dūṣaṇaṃ yatpūrvaṃ vidhinā lalāṭa likhitaṃ tanmārjituṃ kaḥ kṣamaḥ||
करीरवॄक्ष (मरूभूमीमे आनेवाला पर्णहीन वॄक्ष ) को वसंतऋतू मे भी पन्ने नहीं आते है इसमें वसन्त का क्या दोष,
उल्लू को दिन में नही दिखाई देता इसमें सूर्य का क्या दोष,
धाराए चातक के चोंच में नहीं गिरी तो वह बादल का दोष कैसे ,
अर्थात् , विधी ने जो माथे पर लिखा है , उसे कौन बदल सकता है .
Hindi Translation
यदि (कांटों से भरे हुए )करील के वृक्ष में पत्तियों नहीं होती है
तो उस में वसन्त ऋतु का क्या दोष है ? और यदि उल्लू पक्षी को दिन के
प्रकाश में कुछ भी दिखाई नहीं देता है तो इसमें सूर्य की क्या गलती है ?
यदि वर्षा का जल चातक के मुख में नहीं गिरता है तो इसमें मेघ (बादलों)
की क्या त्रुटि (गलती) है ? विधाता द्वारा किसी के भाग्य में जो कुछ भी
पहले लिख दिया हो उसे मिटाने की क्षमता भला किस व्यक्ति में है ?
(अर्थात् कोई भी सक्षम नहीं है ) |
Hindi Translation
kareel tree ( a leafless tree that is found in deserts) does not blossom (even during Spring); how is the Spring responsible for that? Can you blame the Sun, for the Owl can not see during the day ? The cloud can not be blamed if the rain water does not fall in the beak of Chatak bird (a bird who supposedly drinks only the rain water that falls into his beak). Who can change (erasee) the fate (written on one's forehead) ?
English Translation