सद्भावे साधुभावे च सदित्येतत्प्रयुज्यते | प्रशस्ते कर्मणि तथा सच्छब्द: पार्थ युज्यते || 26|| यज्ञे तपसि दाने च स्थिति: सदिति चोच्यते | कर्म चैव तदर्थीयं सदित्येवाभिधीयते || 27||
Change Bhasha
sad-bhāve sādhu-bhāve cha sad ity etat prayujyate praśhaste karmaṇi tathā sach-chhabdaḥ pārtha yujyate yajñe tapasi dāne cha sthitiḥ sad iti chochyate karma chaiva tad-arthīyaṁ sad ity evābhidhīyate
हे पार्थ परमात्माके सत्इस नामका सत्तामात्रमें और श्रेष्ठ भावमें प्रयोग किया जाता है तथा प्रशंसनीय कर्मके साथ सत् शब्द जोड़ा जाता है। यज्ञ, तप और दान रूप क्रिया में जो स्थिति (निष्ठा) है, वह भी सत् -- ऐसे कही जाती है और उस परमात्माके निमित्त किया जानेवाला कर्म भी सत् -- ऐसा ही कहा जाता है।
Hindi Translation
The word “Sat” means eternal existence and goodness. O Arjun, it is also used to describe an auspicious action. Being established in the performance of sacrifice, penance, and charity, is also described by the word “Sat.” And so any act for such purposes is named “Sat.”
English Translation