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अर्जुन उवाच | संन्यासं कर्मणां कृष्ण पुनर्योगं च शंससि | यच्छ्रेय एतयोरेकं तन्मे ब्रूहि सुनिश्चितम् || 1||

Change Bhasha

arjuna uvācha sannyāsaṁ karmaṇāṁ kṛiṣhṇa punar yogaṁ cha śhansasi yach chhreya etayor ekaṁ tan me brūhi su-niśhchitam

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अर्जुन ने कहा हे कृष्ण आप कर्मों के संन्यास की और फिर योग (कर्म के आचरण) की प्रशंसा करते हैं। इन दोनों में एक जो निश्चय पूर्वक श्रेयस्कर है उसको मेरे लिए कहिये।

Hindi Translation

Arjun said: O Shree Krishna, You praised karm sanyās (the path of renunciation of actions), and You also advised to do karm yog (work with devotion). Please tell me decisively which of the two is more beneficial?

English Translation

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ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः