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सत्त्वं सुखे सञ्जयति रज: कर्मणि भारत | ज्ञानमावृत्य तु तम: प्रमादे सञ्जयत्युत || 9||

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sattvaṁ sukhe sañjayati rajaḥ karmaṇi bhārata jñānam āvṛitya tu tamaḥ pramāde sañjayaty uta

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हे भरतवंशोद्भव अर्जुन सत्त्वगुण सुखमें और रजोगुण कर्ममें लगाकर मनुष्यपर विजय करता है तथा तमोगुण ज्ञानको ढककर एवं प्रमादमें भी लगाकर मनुष्यपर विजय करता है।

Hindi Translation

Sattva binds one to material happiness; rajas conditions the soul toward actions; and tamas clouds wisdom and binds one to delusion.

English Translation

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ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः