शमो दमस्तप: शौचं क्षान्तिरार्जवमेव च | ज्ञानं विज्ञानमास्तिक्यं ब्रह्मकर्म स्वभावजम् || 42||
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śhamo damas tapaḥ śhauchaṁ kṣhāntir ārjavam eva cha jñānaṁ vijñānam āstikyaṁ brahma-karma svabhāva-jam
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मनका निग्रह करना इन्द्रियों को वश में करना धर्मपालन के लिये कष्ट सहना बाहरभीतर से शुद्ध रहना दूसरों के अपराध को क्षमा करना शरीर, मन आदिमें सरलता रखना वेद,शास्त्र आदि का ज्ञान होना यज्ञविधि को अनुभव में लाना और परमात्मा, वेद आदि में आस्तिक भाव रखना -- ये सब के सब ब्राह्मण के स्वाभाविक कर्म हैं।
Hindi Translation
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Tranquility, restraint, austerity, purity, patience, integrity, knowledge, wisdom, and belief in a hereafter—these are the intrinsic qualities of work for Brahmins.
English Translation
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