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तच्च संस्मृत्य संस्मृत्य रूपमत्यद्भुतं हरे: | विस्मयो मे महानराजन्हृष्यामि च पुन: पुन: || 77||

Change Bhasha

tach cha sansmṛitya sansmṛitya rūpam aty-adbhutaṁ hareḥ vismayo ye mahān rājan hṛiṣhyāmi cha punaḥ punaḥ

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हे राजन् भगवान् श्रीकृष्णके उस अत्यन्त अद्भुत विराट्रूपको याद करकरके मेरेको बड़ा भारी आश्चर्य हो रहा है और मैं बारबार हर्षित हो रहा हूँ।

Hindi Translation

And remembering that most astonishing and wonderful cosmic form of Lord Krishna, great is my astonishment, and I am thrilled with joy over and over again.

English Translation

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ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः