यदृच्छालाभसन्तुष्टो द्वन्द्वातीतो विमत्सरः। समः सिद्धावसिद्धौ च कृत्वापि न निबध्यते।।
Change Bhasha
yadṛichchhā-lābha-santuṣhṭo dvandvātīto vimatsaraḥ samaḥ siddhāvasiddhau cha kṛitvāpi na nibadhyate
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जो (कर्मयोगी) फल की इच्छा के बिना अपनेआप जो कुछ मिल जाय उस में सन्तुष्ट रहता है और जो ईर्ष्या से रहित द्वन्द्वों से अतीत तथा सिद्धि और असिद्धि में सम है वह कर्म करते हुए भी उससे नहीं बँधता।
Hindi Translation
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Content with whatever gain comes of its own accord, and free from envy, they are beyond the dualities of life. Being equipoised in success and failure, they are not bound by their actions, even while performing all kinds of activities.
English Translation
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