...

यथाऽऽकाशस्थितो नित्यं वायुः सर्वत्रगो महान्। तथा सर्वाणि भूतानि मत्स्थानीत्युपधारय।।

Change Bhasha

Yathā'kāśasthito Nityaṁ Vāyuḥ Sarvatrago Mahān. Tathā Sarvāṇi Bhūtāni Matsthānītyupadhāraya.

0

Just as the great wind that circulates everywhere is always situated in the sky, similarly all beings reside in Me alone.

English Translation

जैसे सब जगह विचरनेवाली महान् वायु नित्य ही आकाश में स्थित रहती है, ऐसे ही सम्पूर्ण प्राणी मुझमें ही स्थित रहते हैं ऐसा तुम मान लो।

Hindi Translation

Built in Kashi for the World

ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः