अचिंत्यं चिंत्यमानोऽपि चिन्तारूपं भजत्यसौ। त्यक्त्वा तद्भावनं तस्माद् एवमेवाहमास्थितः॥१२- ७॥
Change Bhasha
aciṃtyaṃ ciṃtyamānoʼpi cintārūpaṃ bhajatyasau, tyaktvā tadbhāvanaṃ tasmād evamevāhamāsthitaḥ
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अचिन्त्य के सम्बन्ध में विचार करते हुए भी विचार पर ही चिंतन किया जाता है। अतः उस विचार का भी परित्याग करके मैं अपने स्वरुप में स्थित हूँ॥
Hindi Translation
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While thinking about the Unthinkable, we ponder over our thoughts only. So abandoning that thought, I stay as I am.
English Translation
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