...

अहं वा सर्वभूतेषु सर्वभूतान्यथो मयि। इति ज्ञानं तथैतस्य न त्यागो न ग्रहो लयः॥६- ४॥

Change Bhasha

ahaṃ vā sarvabhūteṣu sarvabhūtānyatho mayi, iti jñānaṃ tathaitasya na tyāgo na graho layaḥ

0

मैं समस्त प्राणियों में हूँ जैसे सभी प्राणी मुझमें हैं। यह ज्ञान है, इसका न त्याग करना है और न ग्रहण बस इसके साथ एकरूप होना है॥

Hindi Translation

I exist in everyone like everyone is in me. This is Knowledge. This is neither to be renounced nor to be accepted but to be one with it.

English Translation

Built in Kashi for the World

ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः