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brah.ma
/shlok/aho-aha-namo-mahya-eko-ha-dehavanapi/

अहो अहं नमो मह्यं एकोऽहं देहवानपि। क्वचिन्न गन्ता नागन्ता व्याप्य विश्वमवस्थितः॥ २-१२॥

Change Bhasha

aho ahaṃ namo mahyaṃ ekoʼhaṃ dehavānapi, kvacinna gantā nāgantā vyāpya viśvamavasthitaḥ

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आश्चर्य है, मुझको नमस्कार है, मैं एक हूँ, शरीर वाला होते हुए भी जो न कहीं जाता है और न कहीं आता है और समस्त विश्व को व्याप्त करके स्थित है ॥

Hindi Translation

Amazing! Salutations to me who is one , who appears with body , neither goes nor come anywhere and pervades all the world .

English Translation

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ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः